






H074 Sarvalaukik Niti Tatha Sadachar (सार्वलौकिक नीति तथा सदाचार)
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वस्तुत: यह ग्रन्थ श्री स्वामीजी के अनेक ग्रन्थों में से संकलन है। यह बात सर्वमान्य है कि विद्यालय तथा महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के जीवन गठन तथा चरित्र निर्माण के लिए उन्हें नैतिक एवं आध्यात्मिक तत्त्वों की शिक्षा देना परमावश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रेरित हो भारत सरकार ने श्री श्रीप्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का निर्माण किया जिसने इस बात की जाँच की कि शिक्षासंस्थाओं में सदाचार तथा अध्यात्म सम्बन्धी विषय के अध्ययन का समावेश कितना अधिक वांछित है। फलत: इस समिति ने यह सिफारिश की कि भारत सरकार इस सम्बन्ध में ऐसी उपयुक्त पाठ्यसामग्री एकत्रित कराये, जो विद्यालय-महाविद्यालयों में पढ़ायी जाय, तथा उसके प्रकाशन की व्यवस्था करे। तदनुसार भारत शासन ने श्रीरामकृष्ण मिशन के स्वामी रंगनाथानन्दजी से एक ऐसी पुस्तक तैयार कर देने के लिए प्रार्थना की जिसमें श्री स्वामी विवेकानन्द के ग्रन्थों में से सार्वलौकिक नीति तथा सदाचार सम्बन्धी सामग्री संकलित हो। स्वामी रंगनाथानन्दजी ने मूल अंग्रेजी से संकलन करके ऐसी पुस्तक तैयार कर दी और प्रस्तुत ग्रन्थ उसी का हिन्दी अनुवाद है। भारत सरकार ने इस बात की आवश्यकता समझी कि इस अंग्रेजी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित हो, जिससे अधिकाधिक विद्यार्थीसमाज लाभ उठा सकें। इसीलिए हम प्रस्तुत ग्रन्थ प्रकाशित कर रहे हैं। कहने की आवश्यकता नहीं, इस पुस्तक के अध्ययन से विद्यालय-महाविद्यालयों के विद्यार्थी और साथ ही सामान्य जनता को स्वामी विवेकानन्दजी के उदात्त एवं उत्थानकारी भावों का परिचय प्राप्त हो सकेगा तथा इसमें दी हुई सार्वलौकिक शिक्षाओं से विद्यार्थियों के जीवन का सर्वांगीण विकास हो उनके चरित्रगठन में सहायता मिलेगी।
General
- AuthorSwami Vivekananda
- Compiler/EditorSwami Ranganathananda