












H215 Vyavaharika Adhyatmikata (व्यावहारिक आध्यात्मिकता)
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प्रस्तुत पुस्तक रामकृष्ण मिशन इंस्टिट्यूट ऑफ कल्चर के द्वारा अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित मासिक ‘बुलेटिन’ में ऑब्जर्वेशन शीर्षक के अन्तर्गत स्वामी लोकेश्वरानन्दजी महाराज के द्वारा लिखे गए लेखों का हिन्दी अनुवाद है। इन लेखों में व्यक्ति, समाज, राष्ट्र आदि की प्रगति के उपाय और धर्म, कर्तव्य, साधना, आत्मज्ञान आदि विषयों से सम्बन्धित अनेक महत्त्वपूर्ण तथ्यों तथा आध्यात्मिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का अत्यन्त सुबोध एवं रोचक ढंग से मौलिक विश्लेषण किया गया है। ये लेख जब छपे थे, तब पाठकों ने इसे विशेष रूप से पसंद किया था। कई लोगों ने इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का आग्रह किया। उन लोगों की मांग को ध्यान में रखकर ही इन लेखों को ‘व्यावहारिक आध्यात्मिकता’ के नाम से पुस्तक का रूप दिया गया है। ग्रन्थ में विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष, उप-कुलपति, ब्रिटिश कौंसिल के ओ.बी.ई., अमेरिकी महाविद्यालय के प्राध्यापक जैसे मूर्धन्य विद्वानों के द्वारा इस ग्रन्थ के सम्बन्ध में लिखित उनके विचारों को भी समाविष्ट किया गया है। इन लेखों का हिन्दी अनुवाद श्री अश्विनी कुमार के द्वारा किया गया है। स्वामी विवेकानन्द एशियाटिक सोसाइटी के प्रोफेसर ए. एल. बाशम के द्वारा लिखे गए प्रस्तावना से यह ग्रन्थ और भी आकर्षक हो गया है। हमें विश्वास है कि प्रस्तुत प्रकाशन पाठकों के अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान करने, समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने तथा अपने आध्यात्मिक जीवन के गठन में अत्यन्त प्रेरणादायक एवं मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
General
- AuthorSwami Lokeshwarananda
- TranslatorAshwini Kumar