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H205 Swami Vivekananda Manishiyon Ki Drishti Me (स्वामी विवेकानन्द मनीषियों की दृष्टि में)
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H205 Swami Vivekananda Manishiyon Ki Drishti Me (स्वामी विवेकानन्द मनीषियों की दृष्टि में)

Non-returnable
Rs.30.00
Author
N/A
Compiler/Editor
Swami Videhatmananda
Translator
Swami Videhatmananda
Language
Hindi
Publisher
Ramakrishna Math, Nagpur
Binding
Paperback
Pages
94
ISBN
9789384883669
SKU
H205
Weight (In Kgs)
0.125
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Product Details
Specifications
भारतीय गणतंत्र के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का कहना है कि युवावर्ग की दो-तीन पीढ़ियाँ स्वामीजी से प्रेरित तथा प्रभावित होती रही हैं; और आनेवाले लम्बे अरसे तक उनका व्यक्तित्व तथा सन्देश हमें प्रभावित करता रहेगा । जो व्यक्ति किसी समुदाय, प्रान्त या देश को नेतृत्व प्रदान करता है, उसे नेता या नायक कहते हैं, परन्तु पृथ्वी पर ऐसे व्यक्ति भी आते हैं, जो कई पीढ़ियों के नेताओं को मार्गदर्शन तथा नेतृत्व प्रदान करते हैं । भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद के मतानुसार — ‘‘ऐसे महान् नेता कभी-कभार ही पृथ्वी पर अवतीर्ण होते हैं और वे पतित हो रहे मानव-समाज का उद्धार करने के लिये आते हैं । स्वामी विवेकानन्द इसी श्रेणी के महामानव थे ।’’ संविधान-निर्माता बाबासाहब अम्बेडकर कहते हैं कि भगवान बुद्ध के बाद यदि कोई महापुरुष भारत में आविर्भूत हुआ है, तो वे थे स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक उन्हें शंकराचार्य के बाद भारत में जन्म लेनेवाला सर्वश्रेष्ठ महापुरुष बताते हैं । भारत के ऐसे सर्वमान्य महान् नेताओं को प्रभावित तथा अनुप्राणित करनेवाले युगनायक को हमारी दृष्टि में ‘महानायक’ कहना ही अति समीचीन होगा ।
General
  • Compiler/Editor
    Swami Videhatmananda
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