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स्वामीजी ने 1 फरवरी 1900 को, अमेरिका में कैलिफोर्निया के अन्तर्गत पैसाडेना नामक स्थान में ‘शेक्सपियर-सभागार’ में इस विषय पर जो व्याख्यान दिया था, उसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए हम उसे इस पुस्तिका के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं। इस व्याख्यान में स्वामीजी ने संक्षेप में महाभारत की कथा बताने का प्रयास किया है। उस महाग्रन्थ में महर्षि व्यास द्वारा असंख्य महामहिमामय उन्नत और उदात्त महापुरुषों के जीवन का उल्लेख किया गया है। साथ ही संसार में दिखनेवाले अच्छे-बुरे लोगों के विशिष्ट चरित्रों का चित्रण भी किया है। इन सब का परिचय इस छोटे से व्याख्यान में देना असम्भव है। फिर भी स्वामीजी के इस व्याख्यान में पाण्डवों का उन्नत चरित्र, स्वामी-निष्ठा और अप्रतिम वीरता तथा जेष्ठ भ्राता युधिष्ठिर के प्रति अनन्य निष्ठा और आज्ञाकारिता आदि बातों का सुन्दर वर्णन हमें प्राप्त होता है। स्वामीजी के मन में भगवान श्रीकृष्ण के अद्वितीय व्यक्तित्व के प्रति जो आदर था वह भी हमें इस व्याख्यान में दृष्टिगोचर होता है।
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- AuthorSwami Vivekananda