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प्रस्तुत पुस्तक श्रीमत् स्वामी रंगनाथानन्द जी महाराज के श्रीमद्भागवत पर दिये गये प्रवचनों का संकलन है। जिसे उन्होंने नवम्बर 1990 में रामकृष्ण सारदा मिशन, नई दिल्ली एवं अप्रैल 1997 में रामकृष्ण मिशन इन्स्टिट्युट ऑफ कल्चर, कोलकाता में दिये थे, जिसे कैसेट रिकार्डर में टेप किया गया था। उसे ही पूज्य महाराज जी द्वारा आवश्यक संशोधन करने के पश्चात् अंग्रेजी में ‘The Central Theme of Srimad Bhagavatam’ के नाम से अद्वैत आश्रम, मायावती द्वारा प्रकाशित किया गया एवं उसी का हिन्दी अनुवाद पाठकों के लाभार्थ हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। इस असाधारण भक्तिप्रधान ग्रन्थ में विभिन्न उपाख्यानों के द्वारा लोकहितार्थ जो उपदेश दिया गया है उसे संक्षेप में पूज्य महाराज जी ने बहुत ही सुन्दर रूप में हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। वे कहते हैं — श्रीमद्भागवत हमें शिक्षा देती है कि हम केवल मन्दिरों में मूर्तियों में ही भगवान की उपासना न करें बल्कि सभी प्राणीयों के हृदय में स्थित उस सर्वव्यापी परमेश्वर की उपासना करें। अभी तक हमने इस बात की उपेक्षा की इसीलिए सदियों से कष्ट पा रहे हैं।
General
- AuthorSwami Ranganathananda
- TranslatorDr. Kedarnatha Labha