







H109 Srimad Bhagwad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता : हिन्दी अर्थसहित - पॉकेट साईज)
Non-returnable
Rs.48.00 Rs.60.00
Tags:
Product Details
Specifications
संसार के सभी धर्मग्रन्थों में गीता का स्थान अद्वितीय है। वस्तुत: गीता को भारतीय धर्म, दर्शन तथा संस्कृति का प्रतीक एवं प्रतिनिधि कहा जा सकता है। तथापि गीता में निहित सत्य केवल भारतीयों के लिए ही नहीं, अपितु किसी भी देश, काल, जाति, वर्ण, आश्रम एवं सम्प्रदाय के मानव के लिए समान रूप से उपयोगी है। गीता सार्वभौम, सार्वजनीन सत्य सिद्धान्त का ही प्रतिपादन करती है। हमारे सनातन धर्म का मूल वेद है। अन्य सभी धर्मग्रन्थ वेदप्रतिपादित धर्म को समझाने के लिए ही रचित हुए हैं। विषयवस्तु की दृष्टि से वेदों के दो प्रमुख विभाग माने जाते है — कर्मकाण्ड़ एवं ज्ञानकाण्ड़। कर्मकाण्ड़ में यज्ञादि कर्मों तथा ज्ञानकाण्ड़ में ब्रह्मविद्या या आध्यात्मिक ज्ञान का समावेश होता है। ज्ञानकाण्ड़ में ही उपनिषदों का अन्तर्भाव होता है। यही वेदों का अन्तिम उपदेश होने के कारण इसे वेदान्त कहा जाता है।
General
- AuthorBhagawan Sri Krishna