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‘मेरा जीवन तथा ध्येय’ नामक यह भाषण स्वामी विवेकान्द ने 27 जनवरी 1900 ई. में पासाडेना, कैलिफोर्निया के शेक्सपियर क्लब के समक्ष दिया था। इसमें भारत के दु:खी मानवों की वेदना से विह्वल उस महात्मा के हृदय का बोलता हुआ चित्र है। इसमें प्रस्तुत है उसका उपचार जिसके आधार पर वे मातृभूमि को पुन: अतीत यश पर ले जाना चाहते थे। यही एकमात्र ऐसा अवसर था, जब उन्होंने जनता के समक्ष अपने जी की जलन रखी, अपने आन्तरिक संघर्ष और वेदना को उघाड़ा।
General
- TranslatorPt. Jagadishaprasad Vyas