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स्वामी विवेकानन्दजी ने भारतवर्ष में जो स्फूर्तिप्रद, विचारोद्बोधक व्याख्यान दिये थे, वे काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। यह उन्हीं व्याख्यानों में से एक है। भारत की भावी सन्तान की मनोभूमि को संस्कारी बनाने के लिए स्वामीजी के रचनात्मक विचारों का समावेश इस व्याख्यान में पूर्ण रूप से पाया जाता है। आधुनिक वातावरण में, जब कि भारत प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होने की चेष्टा कर रहा है, यह पुस्तक भारतीयों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
General
- AuthorSwami Vivekananda
- TranslatorPt. Suryakant Tripathi Nirala