




AAH469 Sri Chaitanya Mahaprabhu (श्री चैतन्य महाप्रभु)
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A detailed life of the great saint who is widely revered as an incarnation of God. This biography is compiled from authentic sources and removes many misconceptions prevalent about Sri Chaitanya’s life and religion.
श्री चैतन्य महाप्रभु मध्ययुगीन भारत की महानतम आध्यात्मिक विभूति है। जब हिन्दू धर्म तथा समाज विजातीय भावों द्वारा आक्रान्त हो रहा था, ऐसे काल में उनके आविर्भाव से इस राष्ट्र में मानो एक नवीन प्राणवायु का संचार हुआ। आज भी उनका जाज्वल्यमान पूत चरित हमारे जीवन में श्रद्धा, भक्ति, वैराग्य, अनासक्ति आदि सात्त्विक भावों की प्रेरणा जगाता है वैसे तो भारत की विभिन्न भाषाओं तथा अंग्रेजी में भी महाप्रभु की कई जीवनियाँ उपलग है, तथापि रामकृष्ण संघ के एक वरिष्ठ संन्यासी, ब्रह्मलीन स्वामी सारदेशानन्द जी द्वारा बंगला में रचित अन्य उनमें अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। लेखक ने अपनी प्रस्तावना में बताया है कि इस प्रन्थ के लिए उपादान उन्होंने मुख्यत: प्राचीन ग्रन्थों से ही संग्रह किये है, अतएव यह जीवनी अत्यन्त प्रामाणिक बन पड़ी है। इस अन्य के माध्यम से श्री चैतन्यदेव का एक अति सजीव तथा मनोहारी चित्र उभरता गया है। मूल बंगला ग्रन्थ का प्रणयन श्रीमत् स्वामी प्रेमेशानन्द जी की प्रेरणा से ही सम्भव हो सका था और श्रीमत् स्वामी गम्भीरानन्द जी ने आद्योपान्त देखकर उसका सम्पादन कर दिया था । प्रकाशनोपरान्त यह प्रन्च अतीव लोकप्रिय हुआ और तब से क्रमश: इसके कई संस्करण निकल चुके है। हिन्दीभाषी पाठक भी इस मूल्यवान ग्रन्थ का रसास्वादन कर उपकृत हो सकें और महाप्रभु के जीवन के विषय में ठीक ठीक धारणा कर सकें, इस निमित्त पिछले बारह वर्षों से हमारे रायपुर केन्द्र से प्रकाशित होनेवाले ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका में धारावाहिक रूप से इसका अनुवाद प्रकाशित हो रहा था और अब इसे एक ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित करते हुए हम असीम हर्ष का अनुभव कर रहे हैं। हम रामकृष्ण संघ के हिन्दी मासिक पत्रिका ‘विवेक ज्योति’ के सम्पादक स्वामी विदेहात्मानन्द जी के आभारी है, जिन्होंने अपनी अत्यन्त कर्मव्यस्तता के बावजूद मूल बंगला ग्रन्थ का प्रांजल हिन्दी अनुवाद किया है ।
General
- AuthorSwami Saradeshananda
- TranslatorSwami Videhatmananda