






H228 Swami Vivekanda Ke Bodhagaya Yatra (स्वामी विवेकानन्द की बोधगया यात्रा)
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भगवान बुद्ध मानो उन्हें दर्शन देकर उनके व्यक्तित्व के साथ एकाकार हो गये थे। तभी तो अमेरिका जाते समय जब स्वामीजी जापान में कुछ दिन ठहरकर वहाँ का परिदर्शन कर रहे थे, तो उनके व्यक्तित्व का भगवान बुद्ध के साथ साम्य देखकर वहाँ के लोग विस्मित रह जाते थे। बुद्धदेव के साथ यह समानता और उनके प्रति आकर्षण स्वामीजी के मन में पहले से ही था। महापुरुष शिवानन्दजी ने अपने जीवन के अन्तिम् पर्व में एक दिन एक स्वप्न देखा, जिसका वर्णन करते हुए उन्होंने कहा था, ‘स्वामीजी आये थे, उनकी अपूर्व दिव्य उज्ज्वल र्मूित थी। उन्होंने कहा – ‘‘तारक भाई, मैं बुद्ध रूप में और तुम आनन्द के रूप में आये थे, तुम्हें याद है न!’’
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- AuthorSwami Videhatmananda