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H032 He Bharat Utho! Jago! (हे भारत उठो ! जागो !)

H032 He Bharat Utho! Jago! (हे भारत उठो ! जागो !)

Non-returnable
Rs.30.00
Author
Swami Vivekananda
Compiler/Editor
N/A
Translator
N/A
Language
Hindi
Publisher
Ramakrishna Math, Nagpur
Binding
Paperback
Pages
72
ISBN
9788192814131
SKU
H032
Weight (In Kgs)
0.08
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Product Details
Specifications
इसमें स्वामी विवेकानन्दजी के भारत-सम्बन्धी कुछ विख्यात भाषण एवं लेख संकलित है। स्वामीजी केवल एक आत्मज्ञानी महापुरुष ही नहीं वरन् एक श्रेष्ठ और सच्चे देशभक्त भी थे। उन्होंने भारतवर्ष में एक छोर से दूसरे छोर तक भ्रमण किया था और भारतवासियों के सम्बन्ध में उन्हें वास्तविक जानकारी प्राप्त थी। इसीलिए भारत की प्रमुख समस्याओं पर अधिकारपूर्वक विवेचना करने के वे विशेष अधिकारी थे। इस पुस्तक में उन्होंने उन उपायों तथा साधनों का दिग्दर्शन कराया है, जिनके द्वारा आज हमारी वे समस्याएँ हल हो सकती हैं और फिर से हमारा भारत गतवैभव प्राप्त कर सकता है। स्वामीजी भारतीय संस्कृति के मर्मज्ञ थे। स्वतन्त्र भारत में स्वामीजी के ये उद्बोधक विचार उन सभी व्यक्तियों के लिए बड़े उपयोगी सिद्ध होंगे, जो जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। साथ ही इस पुस्तक में स्वामीजी की एक संक्षिप्त जीवनी का समावेश किया गया है, जिसके कारण इस पुस्तक की उपादेयता अधिक बढ़ गयी है।
General
  • Author
    Swami Vivekananda
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